Friday, September 26, 2025

National

spot_img

कल 3 सितंबर बुधवार को खुलेगी माँ लिंगेश्वरी की दरबार, जहाँ लगती है सन्तान प्राप्ति की अरदास श्रद्धालुओ को होंगे माता का दर्शन।

कोंडागांव

कोंडागांव जिले के फरसगांव ब्लाक अंतर्गत बड़े डोंगर मार्ग आलोर झाटिबंध की पहाड़ पर स्थित लिंगई माता की गुफा जहाँ माँ लिंगेश्वरी एक लिंग के रूप में विराजमान है। यह गुफा साल में एक बार और एक ही दिन के लिए खुलता है ये गुफा। भाद्रपद मास के नवमी तिथि के पहले बुधवार को ही खुलता है इस बार 3 सितंबर दिन बुधवार को माता के पुजारी एवं ग्राम वासियों के द्वारा विधिवत पूजा अर्चना कर माता का पट खोला जाएगा ।

आपको बता दे की एक दिन पहले से ही छत्तीसगढ़ के साथ साथ अन्य राज्यों से भी श्रद्धालुगढ़ हजारों की संख्या में पहुंचकर कतार में लगे हुए है ।

माता के दरबार मे लगती है सन्तान प्राप्ति की अरदास मन्नत होती है पूरा माता लिंगेश्वरी के दर्शन व सन्तान प्राप्ति हेतु भक्तों की भड़ी एक दिन पहले से ही गुफा के बाहर पहाड़ में लाइन में लगे रहते है व अपनी बारी का इंतजार करते है यहां माता निसंतानों को संतान की सुख प्रदान करती है जिसके लिए पति पत्नी दोनों माता के समक्ष पूजा अर्चना कर खीरा चढ़ाया जाता है एवं खीरा के रूप में प्रसाद लेकर अपने नाखून से खीरा के दो भाग कर माता के परिसर पर ही पत्नी को खिलाया जाता है ।

यहाँ मिलती है भविष्य में होने वाली घटनाओं की जानकारी

इस मंदिर की ऐसी भी मान्यता है माता के सामने पट बंद करने से पहले रेत बिछाया जाता है व जब पट एक वर्ष बाद खुलने पर माता संकेत के रूप में पद चिन्ह देकर साल की भविष्य बताती है। जैसे कमल के निशान पर धन संपदा तथा हाथी के पाव उन्नति घोड़े के पाव निशान पर युद्ध व मुर्गियों के पैर निशान पर अकाल जैसे पुजारी के द्वारा बताया गया है।

International

spot_img

कल 3 सितंबर बुधवार को खुलेगी माँ लिंगेश्वरी की दरबार, जहाँ लगती है सन्तान प्राप्ति की अरदास श्रद्धालुओ को होंगे माता का दर्शन।

कोंडागांव

कोंडागांव जिले के फरसगांव ब्लाक अंतर्गत बड़े डोंगर मार्ग आलोर झाटिबंध की पहाड़ पर स्थित लिंगई माता की गुफा जहाँ माँ लिंगेश्वरी एक लिंग के रूप में विराजमान है। यह गुफा साल में एक बार और एक ही दिन के लिए खुलता है ये गुफा। भाद्रपद मास के नवमी तिथि के पहले बुधवार को ही खुलता है इस बार 3 सितंबर दिन बुधवार को माता के पुजारी एवं ग्राम वासियों के द्वारा विधिवत पूजा अर्चना कर माता का पट खोला जाएगा ।

आपको बता दे की एक दिन पहले से ही छत्तीसगढ़ के साथ साथ अन्य राज्यों से भी श्रद्धालुगढ़ हजारों की संख्या में पहुंचकर कतार में लगे हुए है ।

माता के दरबार मे लगती है सन्तान प्राप्ति की अरदास मन्नत होती है पूरा माता लिंगेश्वरी के दर्शन व सन्तान प्राप्ति हेतु भक्तों की भड़ी एक दिन पहले से ही गुफा के बाहर पहाड़ में लाइन में लगे रहते है व अपनी बारी का इंतजार करते है यहां माता निसंतानों को संतान की सुख प्रदान करती है जिसके लिए पति पत्नी दोनों माता के समक्ष पूजा अर्चना कर खीरा चढ़ाया जाता है एवं खीरा के रूप में प्रसाद लेकर अपने नाखून से खीरा के दो भाग कर माता के परिसर पर ही पत्नी को खिलाया जाता है ।

यहाँ मिलती है भविष्य में होने वाली घटनाओं की जानकारी

इस मंदिर की ऐसी भी मान्यता है माता के सामने पट बंद करने से पहले रेत बिछाया जाता है व जब पट एक वर्ष बाद खुलने पर माता संकेत के रूप में पद चिन्ह देकर साल की भविष्य बताती है। जैसे कमल के निशान पर धन संपदा तथा हाथी के पाव उन्नति घोड़े के पाव निशान पर युद्ध व मुर्गियों के पैर निशान पर अकाल जैसे पुजारी के द्वारा बताया गया है।

National

spot_img

International

spot_img
RELATED ARTICLES