Friday, September 26, 2025

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लिंगेश्वरि माई की द्वार खुलते ही कतार में खड़े श्रद्धालुओ ने बारी बारी से माता के दर्शन कर रहे है

कोंडागांव –

जिले के फरसगांव ब्लॉक अंतर्गत ग्राम आलोर झाटीबन में स्थित पहाड़ी गुफा में माँ लिंगेश्वरी विराजमान है। जाइए साल में एक दिन के लिए खोला जाता है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष आज बुधवार की सुबह 5 बजे के बाद पुजारियों के द्वारा विधिविधान से पूजा अर्चना करने के बाद मंदिर के द्वार खोला गया।

जिसके बाद कतार में खड़े श्रद्धालु बारी बारी से माता के दर्शन कर रहे है। हर वर्ष छग प्रदेश के साथ अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु मन्नत लेकर माता के दर्शन करने आते है। मंदिर के नीचे से करीब 5 किलोमीटर तक श्रद्धालुओ की बड़ी कतार लगी हुई हैं। करीब 40000 से अधिक श्रद्धालुओ की भीड़ जमा हो चुकी हैं अभी भी श्रदालुओं के आने का सिलसिला जारी है।

सुरक्षा वा शांति व्यवस्था की कड़ी नजर,

वही सुरक्षा व शान्ति व्यवस्था हेतु पुलिस के जवान भी बड़ी संख्या में तैनात है। इस वर्ष मंदिर के अंदर बिल्ली के पद चिन्ह मिले है। समिति अनुसार बिल्ली के पद चिन्ह भय और आतंक को दर्शाता है। मान्यता है कि संतान की प्राप्ति के लिए आए हुए पति पत्नी को माता को चढ़ाए हुए खीरा को नाखून से चीरकर खाना रहता है दर्शन करने के बाद श्रद्धालु माता के दर्शन के बाद पुजारियों के बताए अनुसार खीरा को ग्रहण कर रहे है। वही भी हजारों की संख्या ने श्रद्धालु कतार में खड़े होकर माता के दर्शन करने जा इंतज़ार कर रहे है।

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लिंगेश्वरि माई की द्वार खुलते ही कतार में खड़े श्रद्धालुओ ने बारी बारी से माता के दर्शन कर रहे है

कोंडागांव –

जिले के फरसगांव ब्लॉक अंतर्गत ग्राम आलोर झाटीबन में स्थित पहाड़ी गुफा में माँ लिंगेश्वरी विराजमान है। जाइए साल में एक दिन के लिए खोला जाता है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष आज बुधवार की सुबह 5 बजे के बाद पुजारियों के द्वारा विधिविधान से पूजा अर्चना करने के बाद मंदिर के द्वार खोला गया।

जिसके बाद कतार में खड़े श्रद्धालु बारी बारी से माता के दर्शन कर रहे है। हर वर्ष छग प्रदेश के साथ अन्य राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु मन्नत लेकर माता के दर्शन करने आते है। मंदिर के नीचे से करीब 5 किलोमीटर तक श्रद्धालुओ की बड़ी कतार लगी हुई हैं। करीब 40000 से अधिक श्रद्धालुओ की भीड़ जमा हो चुकी हैं अभी भी श्रदालुओं के आने का सिलसिला जारी है।

सुरक्षा वा शांति व्यवस्था की कड़ी नजर,

वही सुरक्षा व शान्ति व्यवस्था हेतु पुलिस के जवान भी बड़ी संख्या में तैनात है। इस वर्ष मंदिर के अंदर बिल्ली के पद चिन्ह मिले है। समिति अनुसार बिल्ली के पद चिन्ह भय और आतंक को दर्शाता है। मान्यता है कि संतान की प्राप्ति के लिए आए हुए पति पत्नी को माता को चढ़ाए हुए खीरा को नाखून से चीरकर खाना रहता है दर्शन करने के बाद श्रद्धालु माता के दर्शन के बाद पुजारियों के बताए अनुसार खीरा को ग्रहण कर रहे है। वही भी हजारों की संख्या ने श्रद्धालु कतार में खड़े होकर माता के दर्शन करने जा इंतज़ार कर रहे है।

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